(दृश्य है किसी महाविद्यालय का प्रवेशद्वार )
अरे दो मिनट रुकिए सर, आपका कुछ काम है |
जो भी काम हो कल वर्गखंड में बात कर लेंगे |
सर बात कल की नहीं नहीं आज की है मेरी जिंदगी का सवाल है |
अरे अमित सीधा सीधा बोल न क्या काम है ???
एक मार्क की किंमत |
सर आपसे एक गलती हुई है' आपने एक मार्क कम दिया है |
अरे छोड़ न भाई मुझे घर जाने की देरी हो रही है,
एक मार्क कम आनेसे तेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा |
* * * *
और आज परिणाम आने वाला है सरकारी क्लर्क के इम्तिहान का |
अमित ने वेबसाईट खोलके देखा तो जटका सा लगा |
मेरिट का कट ऑफ़ था १६१ मार्क का और अमित को आये थे केवल १६० मार्क |
वो मन ही मन बोल उठा। .....
'' सर आपने उस दिन अपना घर तो संभाल लिया, लेकिन मेरी जिंदगी उजाड़ दी | ''
लेखक: अमित गीरी गोस्वामी
तो मित्रो आपको केसी लगी यह कहानी ??? कॉमेंट कर के बता देना और शेर भी कर देना |
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